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चुहिया की बेटी का विवाह

चुहिया की बेटी का विवाह 



                    एक चुहिया को एक सुंदर कन्या थी। वह अपनी बेटी का विवाह सबसे शक्तिशाली व्यक्ति से करना चाहती थी। बहुत सोच-विचार करने पर उसे लगा कि भगवान सूर्य उसकी कन्या के लिए उपयुक्त वर साबित होंगे।

                    चुहिया सूर्य भगवान के पास गई। उसने कहा, "सूर्य देवता, क्या आप मेरी सुंदर कन्या से विवाह करेगें? क्या उसे आप अपनी पत्नी के रूप में पसंद करेगें?"
सूर्य भगवान ने कहा,चुहिया चाची, आपने मुझे अपनी बेटी के योग्य वर समझा, इसके लिए मैं आपका आभारी हूँ। पर मैं सबसे ज्यादा शक्तिशाली नहीं हूँ। मुझसे शक्तिशाली तो वरूण देवता हैं। वे अपने बादलों से मुझे ढक देते हैं।"

                   अतः चुहिया जल के देवता के पास गई और बोली,"वरूण देवता, क्या आप मेरी सुंदर कन्या से विवाह करेंगे? क्या उसे आप अपनी पत्नी के रूप में अपनाएँगे?"
वरूण देवता ने जवाब दिया, देखो देवी, आपने मुझे अपनी बेटी के योग्य वर समझा, इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। पर मैं सबसे ज्यादा शक्तिशाली नहीं हूँ। मुझसे अधिक शक्तिशाली तो वायु देवता हैं। वे मेरे बादलों को दूर-दूर तक उड़ा ले जाते हैं।"

                     इसलिए चुहिया चाची वायु देवता के पास गई और कहने लगी, "वायु देवता, क्या आप मेरी सुन्दर कन्या से विवाह करेंगे? क्या आप मेरी बेटी को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करेंगे?" वायु देवता ने कहा, "चाची आपने मुझे अपनी बेटी के योग्य वर समझा, इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूँ। पर मैं सबसे ज्यादा शक्तिशाली नहीं हूँ। मुझसे अधिक शक्तिशाली तो पर्वतराज हैं। वे मेरे मार्ग में खड़े हो जाते हैं और मुझे रोक देते हैं। मैं चाहे कितनी ही ताकत लगाऊँ पर पर्वतराज को अपने रास्ते से नहीं हटा पाता। 

                   तब चुहिया चाची पर्वतराज के पास गई उनसे बोली, पर्वतराज, "क्या आप मेरी सुन्दर कन्या से विवा�

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